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लेखनी कहानी -18-Jun-2024

मेरे महबूब आकर मनचले से क्यों नहीं मिलते। लबों को चूम कर मुझ से गले से क्यों नहीं मिलते?

तुम्हारे वास्ते में हर घड़ी बेचैन रहता हूं। तोड़कर सारे बंधन दिलजले से क्यों नहीं मिलते?

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